Unlock solutions to your love life challenges, from choosing the right partner to navigating deception and loneliness, with the book "Lust Love & Liberation ". Click here to get your copy!
Unlock solutions to your love life challenges, from choosing the right partner to navigating deception and loneliness, with the book "Lust Love & Liberation ". Click here to get your copy!

Awadhesh Singh

Romance

3  

Awadhesh Singh

Romance

रील

रील

1 min
170


रील चलती रही फ़िल्म बनती रही

दोनों ने निभाया ऐसा किरदार

की वाह वाही भी खूब मिलती रही

प्रेम और प्रेमा का प्यार झलका है

दिनों बाद मिलने पे मन हल्का है

गुनगुना रहे पंछी की तरह है

भविष्य की राह भी आसान नहीं है

खूंखार है भाई उसका, आँखों पे

चड़के बोले खून जिसका..

क्या देगा वो सम्मान प्रेम से

प्रेम को,

या लेगा छीन चैन दोनों का...

न खिलने देगा फूल बगिया के

या पंछी उड़ जायेंगे दूर गगन में

महकाने को घर आँगन अपना

देखा है जो प्रेम और प्रेमा ने सपना

भागकर डरकर निकल चले राह

देखो बिडंबना कैसी ढूंढ लिया

निर्दयी ने बनकर गज को ग्राह

जीवन में रंग मंच निराले ये

फ़िल्मी है पर सबक देती है

फ़िल्म चलती रही रील बनती रही

पर बूझ गए दीपक से दोनों

पर प्रकाश अभी तक फैला है

प्रकाश को दे जन्म वे

अमृत सोपान पी गए..


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Romance