मै हेरां हूं कि वो दाद दिए
मै हेरां हूं कि वो दाद दिए
मैं हैरां हूं कि वो दाद दिए जा रहे हैं
बात हम जो जनाजे कि किए जा रहे हैं
जलते अरमान ही शम्म ऐ महफ़िल है
आरज़ू कत्ल, वो जाम पिये जा रहे हैं
फूल में लिपटे पत्थर से टकराते हो क्यों
ज़ख्म देकर देखो अब ये सिए जा रहे हैं
आपसे कुछ है क्या बाकी हिसाब मेरा
नाम उनका ले क्यों जान लिए जा रहे हैं
बोझ अब दो ही बातों का है जिन्दगी पर
याद एक दूजी सांसे, ले जीए जा रहे हैं
