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Hemant Kumar Saxena

Tragedy

4.3  

Hemant Kumar Saxena

Tragedy

माफ़ी ईश्वर से

माफ़ी ईश्वर से

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 हे ईश्वर तेरी दुनिया में देखूं क्या-क्या हो रहा ,

पाप करता कोई तो कोई पाप धो रहा ,


थ़मीं सी लग रही है ज़मीं आसमां के नीचे,

लगें सूखी सी नदियां खेत आंसुओं से सींचें,

कौन किससे कहे कैसे कहें कैसे मुंह को भींचें,

सक्षम हूं मैं डरता हूं जैसे आया कोई पीछे,

पापी हूं क्षमा मांगू मैं हाथ जोड़ रहा,

हे ईश्वर तेरी दुनिया में देखूं क्या-क्या हो रहा,

पाप करता कोई तो कोई पाप धो रहा,

पाप करता कोई तो कोई पाप धो रहा,,,,,


सुना है फरियादें तेरे दर पर पूरी होती हैं,

चमक जाता है वो सोना जिस पर धूली होती है,

मन्नतें करके तेरी बार-बार आता हूं ज़मीं पर,

बिखर कर याद आतीं हैं जो बातें बोली ह

ोतीं हैं,

पसरा है सन्नाटा कोई ना कोई दिख रहा,

हे ईश्वर तेरी दुनिया में देखूं क्या-क्या हो रहा,

पाप करता कोई तो कोई पाप धो रहा,

पाप करता कोई तो कोई पाप धो रहा,,


जीवन का ये पहिया अब अकड़ कर चलता है,

बारिश के मौसम में अडिग बदल के चलता है,

बचाना मुझको गिरने से किसी भी गहरे गड्ढे में,

ना जाने क्यूं ये मन मेरा मचल कर चलता है,

जीने का तरीका बदल मैं आगे बढ़ रहा,

हे ईश्वर तेरी दुनिया में देखूं क्या-क्या हो रहा,

पाप करता कोई तो कोई पाप धो रहा,

पाप करता कोई तो कोई पाप धो रहा,,,,,


हे ईश्वर तेरी दुनिया में देखूं क्या-क्या हो रहा,

पाप करता कोई तो कोई पाप धो रहा,,,,,,,,!



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