मां और मैं
मां और मैं
मां से सोते हुए पूछा
मां सूजर क्यों उगता है
और अकेले क्यों छुपता है
दिन में चांद अब क्यों दिखता है।।
मां बोली-
उपकार अकेले करना चाहिए
साथ भले न दे कोई
इसीलिए सूरज छूपता अकेले
उपकार से जब दुनिया सोई।।
चंदा दिन की पहचान करे
सूरज हो ढीला तब
उस क्षण चंदा
उपकार करे।।
तो मैं भी उपकार करूंगा
लोगों का सरकार बनूंगा
दिल ऐसा कोई न होगा
मैं जिस पर न राज करूंगा।।