माँ अब बुढ्ढी लगने लगी है
माँ अब बुढ्ढी लगने लगी है
माँ अब बुढ्ढी लगने लगी है
बीते समय में इतना
कुछ सहा है माँ ने
हर वक्त यादों में खोई रहती है
मेरी साठ साल की माँ बूढ्ढी लगने लगी है
सोच व समझ से परे कुछ बातें हैरां करने लगी है
माँ की आँखों के नीचे झाईयाँ पड़ने लगी है
मेरी साठ साल की माँ अब बूढ्ढी लगने लगी है
बात बात पर सलाह देती है दुख से लड़ने की
हम सब को समझा कर खुद रो देती है
मेरी साठ साल की माँ अब बूढ्ढी लगने लगी है
चेहरा ग़म से मुरझाया सा लगता है
कहने को वो हमारे लिये जीती है
मन में असीम दुःख को लिये पापा के लिये रोती है
मेरी साठ साल की माँ अब बूढ्ढी लगने लगी है
सुख ढूँढ़ती है बच्चों की खिलखिलाहट में
अपनी हँसी में भी गम को संजोती है
मेरी साठ साल की माँ बूढ्ढी लगने लगी है
अभी साल भर ही तो बीता है विछोह को
अपने अरमानों को सफेदी में लपेट जी भर के रोती है
मेरी साठ साल की माँ अब बूढ्ढी लगने लगी है।