मैं अल्पना रंग बिखेरती आंगन की शोभा सी ,मेरे साधारण शब्दकोष में नये शब्दों को जोड़ने की जुगत में एक गृहणी जो बहुत बडी़ दुनियां में अपना अस्तित्व तलाशती रहती है
ये गाना रीमा के मन को दर्द देता है पर राहुल ये बात कैसे समझ सकते थे वे पुरूषवादी मानसिक ये गाना रीमा के मन को दर्द देता है पर राहुल ये बात कैसे समझ सकते थे वे पुरूषवादी...
तीनों ओर से घिर चुकी थी "क्या एक माँ होना उसकी गलती थी पर अम्मा भी तो माँ है बेटी तो ना तीनों ओर से घिर चुकी थी "क्या एक माँ होना उसकी गलती थी पर अम्मा भी तो माँ है बेट...
" एकतरफा प्रेम की कोई कीमत नहीं ।" " एकतरफा प्रेम की कोई कीमत नहीं ।"
मोह के बंधन की वजह से उन्हें आज़ादी मिली पर अगर ये बंधन बच्चों से बंधा होता तो वे आज यहाँ न होते मोह के बंधन की वजह से उन्हें आज़ादी मिली पर अगर ये बंधन बच्चों से बंधा होता तो वे...
स्थितियों ने उसे विरोधी बना दिया विरोधाभास कब और कैसे शुरू हुआ और कब खत्म होगा, नहीं जानती थी... स्थितियों ने उसे विरोधी बना दिया विरोधाभास कब और कैसे शुरू हुआ और कब खत्म होगा, ...
नोक झोंक की आवाज पर ही अब वो भाभी के घर पहुँच जाया करेगी। कुछ नहीं तो डोर बेल तो बजेगी ही अब से। नोक झोंक की आवाज पर ही अब वो भाभी के घर पहुँच जाया करेगी। कुछ नहीं तो डोर बेल तो...
उस बेटी के साथ ये कैसा अन्याय, हजारों घूरती आँखों से उसकी आत्मा का हनन मैं सपने में भी देखना नहीं चा... उस बेटी के साथ ये कैसा अन्याय, हजारों घूरती आँखों से उसकी आत्मा का हनन मैं सपने ...
अपने भीतर अब वो कोमलांगी, मन से कठोर होने का निर्णय ले चुकी थी एक टीस के साथ। अपने भीतर अब वो कोमलांगी, मन से कठोर होने का निर्णय ले चुकी थी एक टीस के साथ।
"काश, मैं शस्त्र उठा लेती, गोविन्द के इन्तजार में बेटी गँवा बैठी।" "काश, मैं शस्त्र उठा लेती, गोविन्द के इन्तजार में बेटी गँवा बैठी।"
अबोलापन कहीं दूर सड़क के किनारे सिसक रहा था।। अबोलापन कहीं दूर सड़क के किनारे सिसक रहा था।।