नया प्रण
नया प्रण
आज फिर गाने को कहते ही रीमा के चेहरे पर दर्द उतर आया पर ये कोई नयी बात भी नहीं थी उसकी सुरीली आवाज़ के चलते फरमाईश भी होती रहती ।ससुराल में सासू मां के इस प्रिय गीत की । ये गाना रीमा के मन को दर्द देता है पर राहुल ये बात कैसे समझ सकते थे वे पुरूषवादी मानसिकता के साथ पैदा हुये थे। आंखें दिखाकर गाने को कहते "पिता जैसा ससुर जी वेश ,पिया का घर प्यारा लगे , कोई मायके को भेजो सन्देश पिया का घर ..." की पंक्ति आते ही ससुर जी का वहशी चेहरा सामने आने लगा और वो कसमसा उठी "नहीं अब और नहीं, ये बात मुझे राहुल को बतानी ही होगी ।" अब ये चेहरा बेनकाब करना ही होगा आज के बाद उसके होंठों को मनचाहे शब्द मिलेंगे। उसके होंठ अब बेबस नहीं रहेगें ये प्रण वो ले चुकी थी ।