तन्हा आंखें
तन्हा आंखें
"मैं न कहती थी कि आंखें बोलती हैं "
"आंखें बोलती होतीं तो इतनी तन्हा न होतीं "
"दूसरों के सपने खुद में देखोगी तो यही ..."
" एकतरफा प्रेम की कोई कीमत नहीं ।" आंसू ढ़लक कर गालों पर बह गया गालों ने विरह अग्नि की गरमाहठ को महसूस किया मगर आंखों में अभी भी वही छवि दिखाई दे रही थी ।