मोह के बन्धन
मोह के बन्धन
" आज से आप आज़ाद है अपने तरीके से जीने के लिये, अब आप मेरे सेवक नहीं रहे दादा मैं खुद भी दरबदर.. "
"दादा भी कहते हो और दूर जाने को कह रहे हो।"
"मोह का बन्धन है तभी तो आपको मुक्ति दे सका हूँ आपको तकलीफ़ में न देख पाऊंगा। काश ये बन्धन मेरे बच्चों से भी बन्धा होता तो इस उम्र में वृद्धाश्रम ना जाना पड़ता।"
