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Alpana Harsh

Tragedy

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Alpana Harsh

Tragedy

मोह के बन्धन

मोह के बन्धन

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" आज से आप आज़ाद है अपने तरीके से जीने के लिये, अब आप मेरे सेवक नहीं रहे दादा मैं खुद भी दरबदर.. "

"दादा भी कहते हो और दूर जाने को कह रहे हो।"

"मोह का बन्धन है तभी तो आपको मुक्ति दे सका हूँ आपको तकलीफ़ में न देख पाऊंगा। काश ये बन्धन मेरे बच्चों से भी बन्धा होता तो इस उम्र में वृद्धाश्रम ना जाना पड़ता।"



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