(लोकगीत) सॉंझी मैया-७
(लोकगीत) सॉंझी मैया-७
ऐ मैया आई
लौंग के बिरला तले,
चलो मैया महलों में,
तेरे माथे लागे है सिन्दूर,
दूर देश से ब्याहने आये
चलो मैया महलों में।
तेरी चढ़ती
आवे है बारात,
लेकर सारा
साज समाज,
तेरे माथे लागे है सिन्दूर
चलो मैया महलों में।
दूर देश से
ब्याहने आये
टीका भी लाये,
वो तो बिंदिया भी लाये
सोने की नथनी
वो गढ़वाये।
झुमका भी लाये
वो तो कंठी भी लाये,
तेरी चढ़ती आवे है बारात
दूर देश से
ब्याहने आये।
चलो मैया महलों में।