सुहाना मौसम
सुहाना मौसम
1 min
11
सुहाना मौसम
घिर आये बदरा
मन भीगा जाय
याद तुम्हारी आये,
पंख लगा
समय बीता जाये
याद तुम्हारी आये।
वर्षा फुहार आई
दामिनी दमक रही,
बादल गरज रहे
पेड़ पौधे सब भीगे,
मौन खड़े
लम्बे लम्बे तरुवर।
बैठ निहारूँ
यह सुषमा,
सब ओर शून्य
महाशून्य,
बस बरखा का शोर
बूँदें गिरतीं
धरती भिगोतीं
समा जातीं,
सबको हरा भरा करती
लीन हो जातीं।