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chandraprabha kumar

Children

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chandraprabha kumar

Children

नन्हीं सी चींटी

नन्हीं सी चींटी

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नन्ही सी चींटी भी देखो 

कितना परिश्रम करतीं,

अनाज और बीज ले जाकर

जाड़ों के लिए जमा करतीं। 


गेहूँ के दानों को आधा करतीं

तब बिल में जमा करतीं,

गेहूँ को आधा करने से

उसमें अंकुर नहीं निकलते।


धनिये दानों को जमा करतीं

पर धनिये के टुकड़े चार करतीं

क्योंकि आधा करने पर भी 

धनिया के बीज अंकुरित हो जाते।


आश्चर्य है ये छोटे छोटे जीव

 कैसे ये सब बातें जानते,

ज़मीन या दीवार में बिल बना

अपना भोजन जमा कर लेते।


चींटियों में सहज ज्ञान होता

जिसके सहारे वे काम करतीं,

मानव तो खोज करके सीखता

अभी बहुत कुछ सीखना बाकी है। 



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