Unlock solutions to your love life challenges, from choosing the right partner to navigating deception and loneliness, with the book "Lust Love & Liberation ". Click here to get your copy!
Unlock solutions to your love life challenges, from choosing the right partner to navigating deception and loneliness, with the book "Lust Love & Liberation ". Click here to get your copy!

Sonu Sharma

Inspirational Children

4.8  

Sonu Sharma

Inspirational Children

माँ

माँ

2 mins
424


माँ जब तू होती थी, आंखें मेरी नम कभी ना होती थी

बचपन की वह बातें, मेरी हर शरारतें तू नजरंदाज कर देती थी

मेरी शिकायतों का भरा कटोरा, तू घुट घुट पी लेती थी

माँ जब तू होती थी, आंखें मेरी नम कभी ना होती थी।


हक से आकर तुझसे लिपटना बड़ा ही अच्छा लगता था 

तेरी ममता की छांव में न जाने दिन कब बीत जाता था 

मेरी छोटी सी जीत पर भी तू खूब इतराती थी,

मानो मैंने राष्ट्रपति पुरस्कार जीता हो तू इतना लाड लड़ाती थी

माँ जब तू होती थी, आंखें मेरी नम कभी ना होती थी।


पाकर तुझे खोना दर्द बहुत होता है 

अविस्मरणीय यादों से तूने जोड़ दिया नाता है 

झूठे रिश्तों में भी तू सच्चाई दिखलाती थी,

इस फरेब की दुनिया से तू ही तो बचाती थी 

माँ जब तू होती थी, आंखें मेरी नम कभी ना होती थी।


हो गई हूं बड़ी पर इतनी भी नहीं, दबी बातें हैं दिल में बहुत सी अनकही 

जब भी मैं उदास होती थी, प्यार से तू मेरे बालों को सहलाती थी

चांद तारों की बातें कर तू मुझे बहलाती थी 

माँ जब तू होती थी, आंखें मेरी नम कभी ना होती थी।


किससे बयां करूं चुभन दिल में होती है 

आंखें तुझे याद कर पल-पल रोती है 

गलतियों पर मेरी खुद को दोषी बताती थी,

संस्कारों की बातों से मेरा दामन भर जाती थी 

माँ जब तू होती थी, आंखें मेरी नम कभी ना होती थी।


एक बार आ जाओ सपनों में फरियाद करती हूं 

तेरी हर बातों को आज भी मैं याद करती हूं 

रात-रात भर बैठ मेरे लिए स्वेटर बुनती थी,

बिन मांगे मेरी हर ख्वाहिशों को तू न जाने कैसे सुन लेती थी 

माँ जब तू होती थी, आंखें मेरी नम कभी ना होती थी

आंखें मेरी नम कभी ना होती थी।


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Inspirational