गेहूँ घर आया है गेहूँ घर आया है
नहीं पढा किसी अखबार में और न ही कभी शामिल हुईं वे किसी चर्चा गोष्ठी में। नहीं पढा किसी अखबार में और न ही कभी शामिल हुईं वे किसी चर्चा गोष्ठी में।
निस्वार्थ भाव ईष्या से दूर रहो। भारतवासी सब मिलकर रहो।। निस्वार्थ भाव ईष्या से दूर रहो। भारतवासी सब मिलकर रहो।।