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Kavita Verma

Drama

3  

Kavita Verma

Drama

समर्थन

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गेंहूँ फटकते माँ ने

उछलकर गिर पड़े दानों को

ध्यान से समेटा

साबुत गेंहूँ सूपे में डालकर

कनकी बिखेर दी आंगन में

जहाँ चिड़ियों के लिए

रखा है सकोरे भर पानी।


चुना सावधानी से 

हर धनिया पत्ती को

साफ करते धोते और काटते हुए

सब्जी में डालते

आसपास बिखर गई कतरन को

उठाया करीने से।


रोटी बनाते चकले के आसपास

या तवे पर बिखरे पलथन को

समेटा कपड़े से और

आंगन के कोने पर खड़े

पेड़ के नीचे डाल आई

चीटियों के चुन के लिए।


फूलबत्ती बनाते 

संजोती हैं 

एक एक रेशा कपास

या कि सब्ज़ी के पतले छिलके उतार

दागदार हिस्से को निकालती 

करीने से

कि कहीं अच्छा भाग न फिंका जाये।


इस तरह अम्मा देती हैं

समर्थन उन किसानों को

जिनके धरने प्रदर्शन या आंदोलन को

उन्होंने नहीं देखा किसी

चैनल पर

नहीं पढा किसी अखबार में

और न ही कभी शामिल हुईं वे

किसी चर्चा गोष्ठी में।


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