लाल इश्क़
लाल इश्क़
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जो भी जब भी इश्क की गली गया,
दिल से लेकर रूह तक लाल हुआ..
लाल सुंदर लाल ही बिंदी लगाई है,
जब इश्क़ ने किसी गोरी को छुआ..
मिला इश्क़ तो जिंदगी निहाल हुई,
न मिला तो दिल लहू से लाल रंगा..
बगावत के सुर खूब ऊंचे उठते रहे,
विद्रोह कर भी इश्क़ लाल लाल रहा..
कहे 'सखी' जो गया इश्क़ की गली,
लाल कफ़न या लाल जोड़े में सजा।