मृत्यु
मृत्यु
सुप्रभातम दोस्तों🙏
मृत्यु
अकाट्य सत्य,
जीवन मंजिल है,
चाहे वो जीव हो,
कोई जंतु या जानवर हो
या फिर वो जो जीवित है,
एक न एक दिन वो,
जरूर पायेगा मृत्यु को
खत्म होगा जीवन
आएगी जरूर
मृत्यु...
मृत्यु
सच को
जानते हैं सब,
पहचानते हैं हम सब
मगर मानते नहीं
जबकि सच
है...
मिट्टी
जैसा तन,
चंचल है मन
जीवन की है चाह
लम्बी हो उम्र ये आह
फिर भी एक रोज
तय है ये
आनी है
मृत्यु..
कौन
रोक सका
किसके रोके रुकेगी,
किसको नहीं ये आयेगी,
किसी के पास जाकर सुनो,
कभी ये न ठहरेगी
बस ठहरेगी तो
ज़िन्दगी, आएगी
मृत्यु..
तो
क्या घबराना
क्या है डरना
बस जब आये तो
इतनी जोर से गले लगाना
कि गच्चा खा जाए
तेरी मुहब्बत देखकर
ओ सखी
मृत्यु...
©सखी
