करीब से देखा था उसे
करीब से देखा था उसे
आज पहली बार,
करीब से देखा था उसे
उसके चेहरे पर एक,
अजीब सी मुस्कान थी
हंस के कह रही थी
जा रही हूँ मैं,
जैसे पहले से पहचान थी l
बड़ा अजीब सा मंजर था
सामने समंदर था,
वो लहरों में खो गयी,
मन मेरा डुवो गयी,
दिल जोर से धड़कने लगा
मन मेरा मुझसे कहने लगा
थाम ले हाथ उसका अभी भी
वो दूर तुझसे जा रही
वो दूर तुझसे जा रही...
....
एक पल में होश आया
खुद को रेत में पाया
आँखे खुली की खुली रह गयी
क्यूंकि सामने बही खड़ी थी
वो फिर मुस्कुराई,
अजीब सी आंधी आयी,
अंधेरा सा छा गया
दिल फिर से घबरा गया
कहके अलविदा मुझे
वो जा चुकी थी दूर कहीं
वो जा चुकी थी दूर कहीं...............
वो संसार से बिदा ले गयी...........
हमेशा के लिए धूमिल हो गयी l