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neha chaudhary

Abstract

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neha chaudhary

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काश जिंदगी चलती हमारे हिसाब से

काश जिंदगी चलती हमारे हिसाब से

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काश जिंदगी चलती हमारे हिसाब से 

तो कभी किसी के आँखो में आंसू ना आते

हर पल हर लम्हे कटते, हँसते मुस्कुराते

 हर किसी के नसीब में होती खुशियाँ

फिर कोई अपनी लकीरो को देख ना रोते


काश जिंदगी चलती हमारे हिसाब से 

 तो कभी किसी के आँखो मे आंसू ना आते.......

आखिर खुशियों पर हक़ तो सबका है,

पर उसकी कलम का लेखा भी अनोखा है

किसी का घर खुशियों से भरा है


तो किसी का गमों से घिरा है

काश ऊपर बाले भी समानता अपनाते 

तो लकीरों को एक समान ही बनाते

काश जिंदगी चलती हमारे हिसाब से 


तो कभी किसी के आखों में आंसू ना आते.......

 मैंने अक्सर सुना है लोगों के मुंह

सुख दुख तो किनारे हैँ एक नुक्कड़ के

 ये तो बदलते, आज रहते कल चले जाते 

पर देखा है अपनी आँखों से, रोते हुए उन लोगों को


 जो हमेशा हमें हसना सिखाते

काश जिंदगी चलती हमारे हिसाब से

 तो कभी किसी की आँखों में आसूं ना आते.....


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