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neha chaudhary

Abstract

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neha chaudhary

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मृत्यु कब से मुझे बुला रही है.

मृत्यु कब से मुझे बुला रही है.

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ऐ जिंदगी क्या समझाना चाह रही है

कुछ बताती भी नहीं बस,

नये नये किस्से दिखा रही है

क्या कुछ खास है, जो सिर्फ तेरे पास है


बरना क्यों ठहरू तेरे पास

 मृत्यु कब से मुझे बुला रही है........

उसके पास शांति है, सुकून है

 तू तो बस रुलाये जा रही है 


क्या खुशियाँ हैं भी तेरे पास

 या यूँ ही सपने सजा रही है

वरना मैं चली उसकी गोद में

 मृत्यु कब से मुझे बुला रही है.......


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