कर हर वह काम
कर हर वह काम
कर कर हर वह काम,
जिसमें बैठे शनि महाराज,
किस्मत की लकीरों से बैठ
करते थे जो खिलवाड़,
पानी सा बहाया खून
और लगाई थीं जो उससे आस,
खून वाला रिश्ता था
जिस पर भी आई ना उसको लाज,
कलियुग है ये तो इसमें अच्छा बनना,
सतयुग सा नहीं आसान ,
या तो नेकी कर दरिया में डाल
या तो आ बैल मुझे मार।
