लाल बत्ती
लाल बत्ती
रुक जाती है दौड़ती जिंदगी
गाड़ियों की रफ्तार के साथ,
कुछ के रास्ते कट जाते हैं
धीमी मद्धम रफ़्तार के साथ,
इस पड़ाव में कुछ चेहरों पर
मुस्कुराहट होती हैं,
तो कुछ जल्दीबाज़ी में
भूल जाते हैं जीना,
नुक्कड़ पर बैठे और
मांगते हुए लोग,
खिड़की से झांकती दुनिया को
वो नीली फ्रॉक वाली गुड़िया
और गुमटी पर ज़रूरत
बेचने वाले वो बुज़ुर्ग
जाने कितनी ही बार जाने पहचाने
चेहरों से टकराते होंगे,
कुछ एक से हो गई होगी
जान पहचान तो
कुछ अभी भी
पलट कर जाते होंगे।
तैयारी होने लगती
पीली बत्ती के बाद ,
जिंदगी किसी की थम गई तो
किसी की बन गई
इस लाल बत्ती के साथ।