इश्क़ का रंग काला
इश्क़ का रंग काला
मेरे इश्क़ को मोहब्बत है काले रंग से
बात बस इतनी सी है कि
कोई दूसरा रंग चढ़ता नहीं इस पर।
उन की पसंद को अपनाना उन के इश्क़
में थोड़ा और पागल हो जाने सा है।
सच ही है सच्ची मोहब्बत भी तो ऐसी ही होती
एकदम अलग , हटकर सबसे
ऐसी कहानियां जो खुद में एक किस्सा हों
जिसके मिल जाने पर कोई दूसरी चाहत ना हों
और जिंदगी खूबसूरत लगने लगे।
हर सफर खुशनुमा हों जाये और
उन के होने से मीलों के रास्ते जाने कब कट जायें।
उन से सुंदर कोई और ना लगे ,
उनसे बेहतर कोई और ना दिखे
बस उनका होना जरूरी है जिंदगी में।
उनको देखने पर महसूस हों गया कि
इश्क़ का रंग है "काला"
कोई और रंग नहीं चढ़ता इस पर आखिर।