Unlock solutions to your love life challenges, from choosing the right partner to navigating deception and loneliness, with the book "Lust Love & Liberation ". Click here to get your copy!
Unlock solutions to your love life challenges, from choosing the right partner to navigating deception and loneliness, with the book "Lust Love & Liberation ". Click here to get your copy!

Shraddha Gaur

Tragedy

3  

Shraddha Gaur

Tragedy

अबाॅर्शन

अबाॅर्शन

1 min
416


मैं यूँ तो आ ना पाई इस दुनिया में पर

कुछ कहना है मुझे मेरे परिवार से।

पापा आप खुश क्यों नहीं थे ये जानकर

कि भैया को मेरे एक छोटी बहन मिलने वाली है ?


दादू आपने कहा क्यों नहीं कुछ जब जान गए

आप कि घर में लक्ष्मी आने वाली है ?

दादी मैं आपकी लाड़ली होती,

क्यों आपने मुझसे यूं मुंह फेर लिया ?


मां आप तो बहुत प्यार करती हैं ना

भैया को तो क्यों मुझसे ये स्नेह ना ?

नाना नानी आपसे भी कुछ कहना है,

मां पापा को थोड़ा तो समझाया होता,


वो लाड़ली थी आपकी थोड़ा

मुझ पर तो प्यार दिखाया होता।

वो समाज भी कहां है

जिसे ज़रूरत नहीं मेरी ?


वो धर्म कहां है जिसमें

लिखा है कि दे दो मासूम की बलि ?

मेरे वजूद को मिटाकर

आपने हासिल क्या किया है ?


आप दोनों का अंश था मुझमें,

जिसका आपने कत्ल किया है।


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Tragedy