कोई तो बताए, कोई तो समझाए
कोई तो बताए, कोई तो समझाए
सरसराती हवा का तीव्र वेग,
रह-रहकर उड़ती हुई धूल,
तैरते इतराते बिख़रे हुए पत्ते,
ये मंज़र है अजीबोग़रीब,
कोई तो बताए, कोई तो समझाए,
मन में उठ रहे बवंडर से
इसका नाता है क्या ये बताये।
पतझड़ सी उम्र में सावन सी बहार,
लाठी की जगह हाथों मे हाथ।
पथरीली आँखों के रंगीन सपने ,
धुंधली परछाई से कोई तस्वीर निकले।
कोई तो बताए, कोई तो समझाए,
मन में उठ रहे बवंडर से
इसका नाता है क्या ये बताये।
श्वेत चांदनी बिखरी केशों पर,
आँखों में मीठी मुस्कान लिए।
उम्मीद के दामन को पकड़े,
सतरंगी सपनो को साथ लिए।
कोई तो बताए, कोई तो समझाए,
मन में उठ रहे बवंडर से
इसका नाता है क्या ये बताये।
अंतिम राह में अंतिम मंजिल तक,
अंतिम पथ पर अंतिम कदम तक।
अंतिम तक साथ निभाओगे ना
किसे क्षण बंद हो जाएं आँखें,
अंतिम इच्छा कोई तो जगाये।
कोई तो बताए, कोई तो समझाए,
मन में उठ रहे बवंडर से
इसका नाता है क्या ये बताये।
#SMBoss