ऐ खुदा तू भी सुन
ऐ खुदा तू भी सुन
ऐ खुदा तू भी सुन
मेरे इस दिल का दुख
रहता है हर वक़्त ये गुमनाम गलियों में
जाता किधर कुछ न खबर इसे रे।
दिन भूला रे, रात रूठी रे
अंसुअन् की धारा यूँ बही रे।
घंटों बैठा रहा तन्हा गुमसुम रे।
ऐ खुदा तू भी सुन
मेरे इस दिल का दुख
रहता है हर वक़्त ये गुमनाम गलियों में
जाता किधर कुछ न खबर इसे रे।