कोई कहता है उसका बलिदान बड़ा
कोई कहता है उसका बलिदान बड़ा
कोई कहता है उसका बलिदान बड़ा
कोई कहता इसका बलिदान बड़ा
पर कोई कभी महिला के नाम से नहीं होता खड़ा
करती है वह भी तो बलिदान सबसे बड़ा
जन्म से ले कर मृत्यु तक बलिदान ही उसके हिस्से पड़ा
जन्म लेते ही पिता की संपत्ति से हक का बलिदान देना पड़ा
शिक्षा के अवसर पर भाई को पढ़ाने अपनी पढ़ाई का बलिदान देना पड़ा
शादी होने पर गैर के घर को अपना कहने के लिए अपनो का बलिदान देना पड़ा
पत्नी बन कर भी उसे नौकरानी बन जीवन जीना पड़ा
मां बनने के लिए सिर्फ उस अकेली को ही दर्द झेलना पड़ा
बाप का नाम आया बच्चों के नाम के साथ यहां भी बलिदान झेलना पड़ा
पहचान भी मिली तो पिता के नाम से मिली खुद का अस्तित्व भूलना पड़ा
धन्य है नारी तू , तुझे क्या क्या इस जीवन में झेलना पड़ा
फिर भी मुझे तेरे किस्से पता नहीं कहाँ कहाँ ढूंढना पड़ा
मेरे लिए तुम ही जीवन दायिनी, तुम ही संरक्षक, तुम ही पालक,
तुम ही अर्धांगिनी इसलिए शिव को आज तुम को सर्वश्रेष्ठ मानना पड़ा ।।
नारी शक्ति को नमन