कोई बात नही
कोई बात नही


मेरे सामने न देखो तो कोई बात नहीं,
मगर इश्क की ज़ाम मुझ पे छलकाना,
मैं ज़ाम से तरबतर बनूंगा मेरी सनम,
तुम मेरे इश्क का मयखाना बन जाना।
मेरे दिल में तुम न देखो कोई बात नहीं,
मगर तुम्हारे दिल में मुझ को बसा लेना,
मैं पत्थर दिल का नहीं हूंँ मेरी सनम,
मुझ को तुम्हारे प्यार में पिघला देना।
मुझ से तुम दूर रहो तो कोई बात नहीं,
मगर मेरी रातों का ख्वाब बन जाना,
मैं सितारा बनकर रहूंगा मेरी सनम,
तुम चांद में अपना चेहरा दिखा देना।
तुम हकीकत न बनो तो कोई बात नहीं,
मगर मेरे इश्क का अरमान बन जाना
"मुरली" इश्क का प्यासा है मेरी सनम,
चांदनी रात में बांहों में सिमट जाना।