कलम
कलम
एक दोस्त ने पूछा
क्या अब भी याद करते हो उसे ?
मैने कहा-
करता तो हूँ पर उतना नहीं जितना वो करती है मुझे
उसने पूछा
डर लगता है उसे खोने से?
मैने कहा-
उतना नहीं जितना वो डरती है मुझे खोने से
उसने पूछा
कितना प्यार करते हो उससे?
मैने कहा-
करता हूँ पर उतना नहीं जितना वो करती है मुझे
उसने आखिर में पूछा
हमेशा तेरी कलम क्यों लिखती है उसके बारे में
मैने कहा-
क्योंकि मेरी ज़िंदगी की किताब के हर पन्ने पर
लिखा है उसी के बारे में।

