Unlock solutions to your love life challenges, from choosing the right partner to navigating deception and loneliness, with the book "Lust Love & Liberation ". Click here to get your copy!
Unlock solutions to your love life challenges, from choosing the right partner to navigating deception and loneliness, with the book "Lust Love & Liberation ". Click here to get your copy!

Sudershan kumar sharma

Romance

4  

Sudershan kumar sharma

Romance

कलम (गजल)

कलम (गजल)

1 min
397


कुछ भूली बिसरी यादों ने लिखना सिखा दिया, 

ना मन का शौक था, ना चाहत थी लिखने की पर 

कलम की दोस्ती ने लिखने

का आदी बना दिया। 


जब कोई नहीं मिलता हाल ऐ दिल की सुनने वाला

तो सारा किस्सा कलम को सुना दिया। 


सुन कर दर्द दिल का इसने

ऐसे मोती पिरोये की ह़ँसते

खेलते चेहरे को रूला दिया, 

कलम की दोस्ती ने मुझे लिखने का आदी बना दिया। 


अब तो कलम ही बन गई जिगर का टुकड़ा सुदर्शन, बिखेर देती है मेरी

कहा सुनी कागज पे, जो सुन लेता है मेरी हर कहा सुनी दिल से। 


सोचता हूँ अक्सर संजो दूं अपनी यादें चन्द पन्नों पे

की पढ़ने वाले को भी लगे 

क्या कहने थे किसी शायर

के इन्हीं चन्द बातों ने मेरा हौसला बढ़ा दिया, कलम की

दोस्ती ने मुझे लिखने का आदी बना दिया। 


ऐसी दोस्ती हुई कलम से कि

जो दिखा ना सका था दास्तां

किसी को, उन जख्मों को सुनाते सुनाते कलम ने कहकहा मचा दिया। 


जो मुहं से कह न सका सहे हुए अन्याय व जुर्म कमजोर

समझकर सुदर्शन, इस कलम

ने मुझे ताकतवर बना दिया, कुछ भूली बिसरी यादों ने मुझे लिखना सिखा दिया। 



Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Romance