जिसको चाहते है,वही दगा देता है, विश्वास सा प्यारा कोई नहीं है। जिसको चाहते है,वही दगा देता है, विश्वास सा प्यारा कोई नहीं है।
आंखों से बहते हैं अश्कों की धारा आंखों से बहते हैं अश्कों की धारा
अकेले बैठा-बैठा जब कभी थक जाता हूँ तो लिए चला जाता हूँ खुद को पहाड़ों के बीच! अकेले बैठा-बैठा जब कभी थक जाता हूँ तो लिए चला जाता हूँ खुद को पहाड़ों के...
कहाँ कुछ जख्म भरने के बचे थे हयात में अब हयात ही जख्मों से हरी भरी लगने लगी है कहाँ कुछ जख्म भरने के बचे थे हयात में अब हयात ही जख्मों से हरी भरी लगने लगी ह...
जो कहा गया वो भी जो नहीं कहा गया वो भी जो कहा गया वो भी जो नहीं कहा गया वो भी