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Pramila Singh

Romance

3.5  

Pramila Singh

Romance

ख्वाबों के नगर में

ख्वाबों के नगर में

1 min
175


ख्वाब के नगर में गुम हुई थी कहीं

तुम मुझे मुस्कुरा कर मिले थे वहीं

आसमान निस्तब्ध था खामोश थी ज़मीं

तारों की जगमग के बीच मुस्करा रही थी चांदनी

कुछ तुमने अपने दिल की,

कुछ मैंने अपने मन की कहीं

कुछ अफसाने पूरे हुए कुछ कहानियां अधूरी रहीं

उन अधूरी कहानियों को पूरा करने का इरादा है

ख्वाब में सही फिर एक मुलाकात का वादा है


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