ख्वाबों के नगर में
ख्वाबों के नगर में


ख्वाब के नगर में गुम हुई थी कहीं
तुम मुझे मुस्कुरा कर मिले थे वहीं
आसमान निस्तब्ध था खामोश थी ज़मीं
तारों की जगमग के बीच मुस्करा रही थी चांदनी
कुछ तुमने अपने दिल की,
कुछ मैंने अपने मन की कहीं
कुछ अफसाने पूरे हुए कुछ कहानियां अधूरी रहीं
उन अधूरी कहानियों को पूरा करने का इरादा है
ख्वाब में सही फिर एक मुलाकात का वादा है