खिलखिलाती धूप हो..!
खिलखिलाती धूप हो..!
मेरे जीवन में
आजादी की
पहली दस्तक
जैसे हो तुम..!
आषाढ के बाद की
खिलखिलाती
धूप हो तुम..!
भूखे का निवाला
प्रीत में
तड़पते मन को
राहत का एक प्याला..!
मेरे लिए
तुम
वेंटिलेटर पर पड़े
व्यक्ति की
अति जरूरी
आक्सीजन सिलेण्डर से हो
तुम ...!
जीवन में
अनगढ़ शब्द
और
शब्द के मनचाहे
अर्थ से हो तुम
मेरे जीवन में
आकाश सा
विस्तार लिए अनंत हो
क्या कहूँ कि..
क्या हो तुम...??