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Vishabh Gola

Tragedy Inspirational

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Vishabh Gola

Tragedy Inspirational

कहानी मेरे देश की

कहानी मेरे देश की

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सुनो जरा यह कहानी

मेरे देश महान की

जिसमें बहती थी धारा प्रेम, 

खुशियां, ज्ञान की

वह धरती थी हिंदुस्तान की


जो हर समय हस्ती खेलती रहती रहती थी

ना दुख ना भेदभाव और ना ही गरीबी थी

वह सदा हस्ती उड़ती सोने की चिड़िया थी


परंतु लग गई उसे नजर गोरे अंग्रेजों की

अंग्रेज आए हमारे देश में बनकर मेहमान

कौन जानता था निकलेंगे वह बहुत बड़े हैवान


व्यापार तो सिर्फ एक बहाना था

उन्हें हमें गुलाम जो बनाना था

काट दिए गए सोने की चिड़िया के पंख

आखिर बनाकर छोड़ उन्होंने हम सबको रंक 


यह अब भारत की अंग्रेजों से लड़ाई थी

सलाम है उन सब को जिसने

आजादी के लिए आवाज उठाई थी


करके नष्ट हमारी संस्कृति

करके नष्ट हमारी एकता

लगाई उन्होंने ऐसी आग

याद है वह जलियांवाला बाग ?


खेली अंग्रेजों ने खून की होलियां

एक तरफ थी इंकलाब की बोलियां

और दूसरी तरफ थी गोलियां


कवियों का वह योगदान

उनका वे जेल में जीवन बलिदान

उनके वह विचारों द्वारा किया गया देश का हित

उनकी कविताओं ने किया लोगों

को आजादी के लिए प्रेरित


स्वतंत्रता सेनानी जैसे गांधी जी,

भगत सिंह ,सुभाष चंद्र बोस

उड़ा कर रख दिए उन्होंने अंग्रेजों के होश

उन्हें आजादी के लिए खूब बहादुरी से लड़ना पड़ा

और आखिर में अंग्रेजों को भारत छोड़ना पड़ा !


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લોગિન

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