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tanu jha

Drama

5.0  

tanu jha

Drama

कहाँ गुम हो गए

कहाँ गुम हो गए

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वो दिन थे प्यार के,

खुशियों के बौछार के,

सपनों के श्रृंगार के,

सिर्फ अपने ही संसार के।


यारों के संग मस्ती में,

घूमते थे हर बस्ती में,

हर गर्मी में झरने पर,

लड़ाई-झगड़ा करने पर,

मम्मी-पापा से डरने पर।


जरा में गुस्सा करते थे,

जीत-हार में गढ़ते थे,

वही था जिंदगी का असली राग,

अब तो मची है भागम भाग।


न जाने कहाँ गुम हो गए,

इस प्रतियोगिता इस जंग में,

लाड़-प्यार तो भूल ही जाओ,

वह ही दुश्मन जो संग में।


आज तो हर ओर पुस्तकों का अम्बार है,

इंग्लिश बोलो तो बढ़िया वरना हम गँवार है,

फिजिक्स-केमिस्ट्री जीवन का अंश है,

अब बच्चों में नहीं, मोबाइल फ़ोन में वंश है।


अब तो रिजल्ट में ही ख़ुशी मिल पाती है,

सिर्फ 98% को ही दुनिया अपनाती है।

दोस्ती और यारी तो बदनाम है,

अब वही बड़ा है, जिसका बड़ा नाम है।


माँ-बाप जीवन का आधार नहीं,

पैसे का स्रोत है।

आज तो राम-लक्ष्मण के मन में भी खोट है,

सफलताओं से दुनिया जलती है,

और हारे तो ताने कसती है।


प्यार-मोहब्बत धोखा है,

कुत्ता भी पैसों का भूखा है।

न जाने कहाँ गुम हो गए वो दिन,

जिसमे रहते थे चिंताओं के बिन।


रिजल्ट का भूखा कोई नहीं था,

सोते थे तारे गिन-गिन।



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