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ca. Ratan Kumar Agarwala

Action Inspirational Others

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ca. Ratan Kumar Agarwala

Action Inspirational Others

खाकी नायिका

खाकी नायिका

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घरों से सरहदों तक, मैं हूँ इस जहाँ की मल्लिका,

लड़ती हूँ राष्ट्र के लिए, हूँ मैं एक खाकी नायिका।

हाथों में थामी है बन्दूक, लिया प्रण राष्ट्र सुरक्षा का,

देशभक्ति का जज़्बा मन में, पहना कवच आत्मरक्षा का।

 

हुई भरती जब सेना में, एक विचार था अंतर्मन में,

राष्ट्र सेवा होगी सर्वोपरि, यही भाव था मेरे मन में।

जिस तरह घर को संभाला, राष्ट्र को भी संभाल लूँगी,

शत्रु ने अगर गड़ाई नजरें, आँखें नोच कर निकाल दूँगी।

 

“जननी जन्मभूमिश्च स्वर्गादपि गरीयशी”, ये आधार जीवन का,

देश के आगे कोई बड़ा नहीं, यही भाव मन का।

ले हथेली में प्राण, चलती हूँ रणभूमि को मैं नायिका,

मैं ही अहल्या, मैं ही लक्ष्मीबाई, मैं हूँ खाकी नायिका।


न समझना मुझे किसी से कम, हूँ हिम्मत वाली मर्दानी,

आएगा जब वक़्त देश रक्षा का, दूँगी हँस कर कुर्बानी।

एक हाथ में तिरंगा होगा, दूसरे हाथ में होगी तलवार,

कभी खेलती थी गिल्ली डंडा, अब देती दुश्मन को हुंकार।

 

कहूँ आज देश की लड़कियों से, निकलो घर से बाहर,

न छुपो घरों के अंदर, दिखाओ जग को अपना जौहर।

“हम किसी से कम नहीं”, गूँज उठे आज यह नारा,

बनना है राष्ट्र की खाकी नायिका, करें जग में उजियारा।

 

लड़ना है हमें, बढ़ना है हमें, जुझेंगी राष्ट्र विरोधियों से,

बढ़ानी है सुरक्षा की क्षमता, बचना है दुष्ट बिचौलियों से।

भरोसा है हमें खुद के कंधों पर, देंगी मुंहतोड़ जवाब,

चारों तरफ हो अमन शान्ति, यही है मन में ख़्वाब।

 



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