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Shailendra Kumar Shukla, FRSC

Action Classics Inspirational

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Shailendra Kumar Shukla, FRSC

Action Classics Inspirational

झूठ है

झूठ है

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झूठ है इनकी ज़िन्दगी 

झूठे हैँ ये लोग 

पा जायें तो दाब ले 

सच्चों का सब नोट 


नोट का तो सब खेल है 

मैँ समझूँ सच् टेल 

ये तो ऐसे बदरंग हैँ 

जैसे कालिख पोत 


पढा लिखा क्या व्यर्थ है 

क्यूँ जागा मैँ लेट 

ऐसे तो होगा सही 

जैसे मालिक का पेट 


प्रतिकुलपति बन जो मिला 

कुलपति की नहीं चाह 

तीन फल कहाँ से लांउं 

दुनिया कहती वाह 


अंधी ये सब दौड है 

क्या पाया तू भाग 

थोड़ा मन की बात सुन 

धीरज गया सब मेट !


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