क्या वजुद मेरा..
क्या वजुद मेरा..
क्या वजूद है मेरा,
जहां बजता डंका तेरा।
में तो करुं बस फोगट फेरा,
हे दो दिन तेरी दुनिया मे बसेरा।
में हुं संमोहित, मायाधर तुजसे..
ना जाने किस रुप मे, तु आ जाए सपेरा।
दिल दे दिया मैंने ओ देवता..
तू दाता नहीं पर निकला लुटेरा।
संसार का नियंत्रण तेरे हाथों में,
मैं संसारवश, मन और शरीरा।
अब दया कर, कर दूर सब दूरियाँ,
ओर दूर करो, ये धटाटोप अंधेरा।
