मैं तो आज हूँ
मैं तो आज हूँ
ना भूत हूँ, ना भविष्य हूँ,
भइ, में तो बस आज हूँ।
हूँ कंकण, लदा बालु कणो से,
किसि जवेरी के लिए खास हूँ।
जीवन बडा अबुझ है, ओर संघर्ष पुर्ण भी,
बहु आयामी खेल, पतो की तास हूँ।
सुगंध हूँ कांटो बीच, रुप पत्थर प्हाणो में।
इनसान हूँ ओर अंतर आत्म विश्वास हूँ।
गेर नहीं, मेरे अपने हो आप "अशेष "
ये ना भुलिए कि, हर घड़ी आपके पास हूँ।
