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Dashrathdan Gadhavi

Tragedy Inspirational

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Dashrathdan Gadhavi

Tragedy Inspirational

सहारा बन जा...

सहारा बन जा...

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सहारा बन जा अब तू ,

बेसहारा हो गया हूँ मैं। 


किनारा बन जा अब तू ,

बे-किनारा बन गया हूँ मैं। 


एक ओर मौत खड़ी है,  

तुजी ओर हाथ तुम्हारा है (2)

तू दाता बन जा जीवन का, 

बेचारा बन गया हूँ मैं। 


फंसा हूँ इस कदर मैं की,

अब ना निकल सकता हूं, (2)

खेवैया बन जा नैया का

सागर में खो रहा हूँ मैं। 



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