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Dashrathdan Gadhavi

Abstract

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Dashrathdan Gadhavi

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ये वफा हे मेरी..

ये वफा हे मेरी..

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चले जाना है , यहां नही रहै ना,

माफ करना, गर कोइ खता हो मेरी। 


युं देखूं तो मुफलिस हूँ मैं , 

आपका प्यार ही बस मता है मेरी। 


एक रोज छोडकर जाउंगा आप को,

आप भी भुल जाना, ये रजा है मेरी। 


पता नही केसे भूल सकुंगा आपको, 

अभी से ही बस, ये व्यथा है मेरी।


खुशबु होता तो आप सब मे बिखर जाता,

पर, मानव हूँ ओर बहुत जफा है मेरी। 


एक बात याद रखना, दिल ना छोटा करना, 

मरकर भी साथ रहूँगा, ये वफा है मेरी। 



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