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Goldi Mishra

Drama

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Goldi Mishra

Drama

कभी तू और मैं

कभी तू और मैं

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कभी बेहद थे करीब जो,

अब अजनबी है वो।।

रास्ते पर यूं ही टकरा गए थे हम उनसे,

देखते देखते दूर हो गए हैं हम उनसे,

बेरुखी से भरी अब मुलाकातें होती है,

कहने को बाते हज़ारों है पर दरमियान ख़ामोशी होती है।।

कभी बेहद थे करीब जो,

अब अजनबी है वो।।

रोज़ उन्हें बस दूर से ही निहारा करते है,

आहिस्ता आहिस्ता खुद को संभाला करते है,

ये सब क्यों और कैसे हुआ,

रब ही जाने कब तेरा जहान सँवरा कब हमारा आशियाना था उजड़ा।।

कभी बेहद थे करीब जो,

अब अजनबी है वो।।

जीने का सलीका सीखते सीखते जीना आ गया,

पराया कह कर जिससे दूर थे भागते वो दर्द अब अपना सा हो गया,

शिकायत कोई तुझसे नहीं,

अभी खुद से पूछने है हमें सवाल कई।।



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