कभी खुशी कभी गम
कभी खुशी कभी गम
एक लम्हा ये जिंदगी का,
कितना प्यारा है,
संग है हम दोनों,
लगता हर पल न्यारा है
खुशी आज मना ले हम,
खो कर इस प्रेम में,
भुला कर हर विरह वेदना,
खो इस आलिंगन में,
आएगा कल लाल भी,
गूंजेगी किलकारियां घर आंगन में,
खुशियां होंगी तन मन में भी,
हर स्नेह स्पर्श में,
प्यारे से इस दृश्य को सोच,
मैं रोमांचित हो जाता हूं,
आता हूँ पास तुम्हारे,
बस तुझ में खो जाता हूँ,
पर जाना मुझे आज ही होगा,
अपने कर्तव्य पथ पर भी,
उदास तुम भी बहुत होगी,
होगी विरह वेदना भी,
निज लाल का प्रथम दर्शन,
मैं न कर पाऊंगा,
पर, न होना उदास,
सांसो में रखना पास पास,
मैं लौट के जल्दी आऊंगा,
अश्रु बहुत है आंखों में,
पर तुझे न दिखाऊंगा,
कभी खुशी कभी है गम,
ये खुद को समझाऊंगा।।

