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SONU MEENA

Crime Others

4.5  

SONU MEENA

Crime Others

ज्वाला लेकर भी शर्मिंदा हैं!

ज्वाला लेकर भी शर्मिंदा हैं!

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देख घिनौने कृत्य को फिर से

भगत सिंह की फांसी रोई,

अस्मत को लड़ने वाली भी

रानी लक्ष्मी झांसी रोई,

गंगा, जमुना, रेवा रोई,

सरजू, कृष्णा, काशी रोई,

रोया पूरा हिंदुस्तान

'वो' न्याय की खातिर प्यासी रोई,

जिनको मर कर भी रोना था

अब तक जिंदा बैठे हैं

हम हाथों में ज्वाला

लेकर भी शर्मिंदा बैठे हैं !!


जिनसे कुत्तों की संज्ञा भी

शर्मसार हो जाती है

जिनकी कौड़ी कायरता से

कायरता झुक जाती है,

उन्हें हमारे न्यायालय में 

तारीखें मिल जाती हैं

और यहां पर लाखों बेटी

जिंदा ही जल जाती,

जो दिखते ही मर जाने थे

अब तक जिंदा बैठे हैं

हम हाथों में ज्वाला

लेकर भी शर्मिंदा बैठे हैं !!


जब हैवानों की हैवानी

सीमा पार आ जाती है

तब कवियों की वाणी

केवल अंगारे बरसाती है,

जिनको बीच बाजारों में ही

फांसी पर लटकाना था

जिनको हाथों में लगते ही

जिंदा ही दफनाना था,

ऐसे पापी को भी कानूनी

रक्षक मिल जाते हैं

न्याय की देवी नोचने वाले

भक्षक भी मिल जाते हैं,

जब तक न्याय व्यवस्था में

"कानूनी कीड़ा" जिंदा हैं

तब तक हम हाथों में "ज्वाला"

लेकर भी शर्मिंदा हैं!!


यह कैसी है सजा मौत की

चीर हरण करने वाले को

हैवानों वाली राहों का

अनुसरण करने वाले को,

यहां आबरू लूटने वाले को

फांसी लटकाना होगा

दुशासन हो कोई भी

सीने का लहू बहाना होगा,

न्याय व्यवस्था में परिवर्तन

होना बहुत जरूरी है

न्यायालय में लगे दाग को

धोना बहुत जरूरी है,

न्यायालय को दाग लगाने

वाले जब तक जिंदा हैं

तब तक हम हाथों में ज्वाला

लेकर भी शर्मिंदा हैं ।।


नारों से कभी नहीं होती

फूलों की बगिया चिंगारी

दो शब्दों से नारी सुरक्षा

की ना होगी तैयारी,

सबको अपना कर्तव्य निभाना

होगा अब आगे आके

"काली" का रूप बनाना होगा

अब सबको आगे आके,

जागो "गांधारी" अब जागो

आंखों की पट्टी खोलो

पुत्र मोह को रख बाजू में

मौन तोड़ कुछ तो बोलो

अगर दुशासन बने दरिंदा,

तो सारे नाते तोड़ो।

भरा हुआ है "घड़ा पाप" का,

स्वयं घड़े को तुम फोड़ो।।

चीर हरण करने वाले,

दुशासन जब तक जिंदा हैं।

तब तक हम हाथों में ज्वाला

लेकर भी शर्मिंदा हैं।।

                                         



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