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SONU MEENA

Abstract Inspirational

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SONU MEENA

Abstract Inspirational

सैनिक धर्म

सैनिक धर्म

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लाल को लेकर लाल है आए

आंखों में लालिमा छाई है

ना क्रोध की अग्नि शान्त हुई

ना ज्वाला अभी समाई है।


उस अंतिम छड़ के चार वचन

उस वीर ने मुझसे बोले थे

हे भाई बतला देना घर पर

अंधे की लाठी टूट गई

उस जन्म संगिनी से कहना


माथे की कुमकुम छूट गई

उस थाल सजाए भगिनी को

तुम खाली राह दिखा देना

गर माता पूछे हाल मेरा

तो दो आंसू छलका देना


गर भाई पूछे हाल मेरा

सीने से उसे लगा लेना

गर इतने पर भी ना समझे

तो सैनिक धर्म बता देना।


सैनिक धर्म का सार शहादत होता है

तन मन अर्पण मुल्क इबादत होता है

सैनिक धर्म के लिए जवानी होती है

सैनिक धर्म के लिए रवानी होती है


सैनिक का जीवन कांटों की सेज है

सैनिक धर्म में सोने का परहेज है

सैनिक धर्म का रक्षा ही उद्देश्य है

सैनिक जीवन त्यागशील उपदेश है


मैं अपनी जिव्हा से सैनिक धर्म बताता जाऊंगा

वीर शहीदों के चरणों में अपना शीश झुकाऊंगा 

मैं लिखूंगा उनकी याद कहानी को

देश पे मर मिटने वाले बलिदानी को

मैं हृदय का 'श्वेत पुष्प' उनको ही अर्पित करता हूं

कलम की बूंद बूंद स्याही में उन्हें समर्पित करता हूं।


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