हुस्न की वो इक परी
हुस्न की वो इक परी
मद भरी मदहोश नजरें कर गईं जादूगरी
मेरे सपनों में आई हुस्न की वो इक परी
देखते ही खो गया दिल
और उसका हो गया दिल
अब मेरा वो ही ठिकाना
और वो ही मेरी मंज़िल
छाई है मदमस्त जवानी
तन है उसका छरहरी
मदभरी मदहोश.......।
गोरे गोरे गाल उसके
होंठ लाल लाल हैं
उलझी हुई सी जुल्फें
काले काले बाल हैं
देखकर है दिल मचलता
ये जवानी मदभरी
साहिलों का किनारा
और मौजों की रवानी
एक दिन दूंगा तलाक तुझे में
प्यार की कोई निशानी
साहिल में रहती हो तुम
ज्यों ही कोई तुम जलपरी
मेरे सपनों में है आई
अप्सरा सी सुंदरी
मद भरी मदहोश .......।
गोरा सजीला आय हाय तू जवान है
फिर भी ओ मजनूँ सुन ले तू अभी नादान है
खूब समझूं मैं तो तेरी
है जो ये कारीगरी
मदभरी मदहोश.....।