कोई भरोसा नहीं
कोई भरोसा नहीं
एमपी की लाइट का
सक्रिय डायनामाइट का
कोई भरोसा नहीं
कब कट जाय
कब फट जाय।।
अमरीका के बन्दे का
दूसरे के कंधे का
कोई भरोसा नहीं
कब नट जाय
कब हट जाय।।
यूपी के जाट का
पुराने घर की ठाट का
कोई भरोसा नहीं
कब भिड़ जाय
कब गिर जाय।।
झाँकी के चंदे का
दो नंबरी धन्धे का
कोई भरोसा नहीं
कब लुट जाय
कब पिट जाय।।
एमपी की सरकार का
बेकाबू कार का
कोई भरोसा नहीं
कब गिर जाय
कब भिड़ जाय।।
चाइना के माल का
द्विहस्त वाहन चाल का
कोई भरोसा नहीं
कब बन्द हो जाय
कब मन्द हो जाय।।
पांच सौ के नोट का
ढीली बँधी लँगोट का
कोई भरोसा नहीं
कब बन्द हो जाय
कब खुल जाय।।
मोदी के ऐलान का
राहुल के बयान का
कोई भरोसा नहीं
कब खटक जाय
कब अटक जाय।।
प्रवक्ता की ज़ुबान का
मुंबई के मकान का
कोई भरोसा नहीं
कब फिसल जाय
कब खिसल जाय।।
पुलिस की कार का
केरल की सरकार का
कोई भरोसा नहीं
कब उलट जाय
कब पलट जाय।।
सरकारी राशन का
घोटाली प्रशासन का
कोई भरोसा नहीं
कब बँट जाय
कब हट जाय।।
इण्डियन ट्रैन का
दिल्ली में सुख चैन का
कोई भरोसा नहीं
कब आ जाय
कब चला जाय।।
मुंबई के पुल का
स्पेन के बुल का
कोई भरोसा नहीं
कब गिर जाय
कब भिड़ जाय।।
फेसबुकिया चैट का
जंगल में नेट का
कोई भरोसा नहीं
कब झंड हो जाय
कब बंद हो जाय।।
भारत में सी.बी.आई. का
लुगाई के भाई का
कोई भरोसा नहीं
कब टपक जाय।।
दंगों की आग का
पागलों के दिमाग़ का
कोई भरोसा नहीं
कब भड़क जाय
कब सटक जाय।।
साउथ के हीरो का
सेंसेक्स में जीरो का
कोई भरोसा नहीं
कब उड़ जाय
कब बड़ जाय।।
पोपट लाल की शादी का
कहानी सुनाती दादी का
कोई भरोसा नहीं
कब हो पाय
कब सो पाय।।
सरकारी राहत का
गिद्ध भोजी दावत का
कोई भरोसा नहीं
कब मिल पाय
कोई भरोसा नहीं
कोई भरोसा नहीं
कोई भरोसा नहीं।।