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Rakesh Kumar Das

Crime Inspirational

4.7  

Rakesh Kumar Das

Crime Inspirational

जी हाँ मुझे लड़का चाहिए

जी हाँ मुझे लड़का चाहिए

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जी हाँ मुझे लड़का चाहिए 

घर के लिए एक छोरा चाहिए 

आदमी ने डॉक्टर कान में डाला यह मन्त्र 

महिला की अधिकार को छीना आधुनिकी यन्त्र 

जी हाँ मुझे लड़का चाहिए।


इसे मिलाकर यह एबॉर्शन सातवाँ वार है 

पुरुष के आगे महिला की फिर से हार है 

पैशाची बात को बेड में लेटी पत्नी सुन रही थी 

कैसे शादी से आज तक साथ नाच रही थी 

जी हाँ मुझे लड़का चाहिए।


बिना पूछे पति ने कर दिया मासूम की एबॉर्शन 

इसी चाह में की आएगा घर एक न्यू सन 

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मेरे बुढाप्पे का साथी होगा 

देखभाल करेगा, मेरा यत्न करेगा 

जी हाँ मुझे लड़का चाहिए।


ऐसा सोचकर वह किया बार- बार एबॉर्शन 

ऐसा लगा सूरज के साथ डूबगया उसका इमोशन 

पत्नी को बच्चा पैदा करने की मशीन बनाडाला 

लड़के की चाह उसे सोचने से जंजीर डाला 

जी हाँ मुझे लड़का चाहिए।


सास भी एक माँ होकर समझ न पायी 

इतनी बड़ी पाप को कैसे कर पायेगी भरपाई 

कबतक ऐसा घिनौना काम चलता रहेगा 

बाद में पश्चाताप करने से क्या कुच्छ रहेगा 

जी हाँ मुझे दोनों ही चाहिए।। 


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