STORYMIRROR

Vandana Singh

Drama

1  

Vandana Singh

Drama

जरुरत है मुझे

जरुरत है मुझे

1 min
1.6K


बारिश हो,

या हो मेरे क़दमों की डगमगाहट,

या फिर चाहे जो हो वजह,

जो कभी मैं लगूँ फिसलने !


तो बढ़कर मुझे थाम लेना,

तुम्हारे हाथ की ज़रूरत है मुझे,

समाज से ऊबकर,

बन्धनों में घुटकर !


और स्वयं में सिमटकर,

जो कभी मैं लगूँ हारने,

तो खुद से मुझको बांध लेना,

तुम्हारे साथ की जरुरत है मुझे।


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Drama