जिंदगी जो थम सी गयी
जिंदगी जो थम सी गयी
एक लहर सी लहराती जिंदगी
आज मानो थम सी गयी है।
बच्चों की खेलती हुई जिंदगी
आज मानो गुम सी है।
शालाओं की गुंजित रौनक
आज देखो शांत पड़ी है।
घर मे कैदी बन गए हैं
बाहर की दुनिया रास नहीं है।
स्वच्छ वायु बन गयी प्राणनाशक
मुख पर मास्क की पहरेदारी है।
एक लहर सी लहराती जिंदगी
आज मानो थम सी गयी है।